(प्रस्तुत हैं ग्वाटेमाला के प्रसिद्द कवि और छापामार विद्रोही ओत्तो रेनी कास्तिलो की कवितायेँ। अनुवाद कुलदीप प्रकाश का है। यहाँ अभिषेक मिश्रा के ब्लॉग शहर के पैगम्बरों से कह दो से साभार। )
तुम्हारे पास बन्दूक है
और मैं भूखा हूँ
तुम्हारे पास बन्दूक है
क्योंकि मैं भूखा हूँ
तुम्हारे पास बन्दूक है
और मैं भूखा हूँ
तुम्हारे पास बन्दूक है
क्योंकि मैं भूखा हूँ