एक पुरानी जर्मन कहावत है कि रसोईघर में जो पकता है, उसकी सामग्री ही बाहर से नहीं आती, रसोईघर में क्या पकेगा, यह निर्णय भी बाहर से आता है. इसी तरह खेती की नियति खेतिहर नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र से बाहर की शक्तियां तय करती हैं.
____________________________शब्दसंधान से साभार